Sat. Dec 7th, 2024

ऐसा सन्नाटा

 ऐसी स्तब्धता , नीरवता , निःशब्दता , एवं शांति का वातावरण नहीं देखा था , सो कोरोना के कारण हमने देखा | पूर्ण लॉक डाउन | सड़क से गुज़रिए | घर का दरवाजा बंद पाइए लोग अभ्यस्त होते जा रहे हैं | इसका लाभ धीरे – धीरे सभी समझ रहे हैं । रबी फसल की कटाई , मूंग बोने , तंबाकू काटने , उसकी तैयारी का समय है । किंतु कोरोना का भय इन्हें पीछे छोड़ डाला | यह समय अपने देश में गेहूँ की तैयारी के लिए महत्व रखता है | शुरू होगी कटनी | ग्रेसिंग लेकिन भूलना न होगा सोसल डिस्टॅनसिंग गेहूँ की श्रेसिंग , कटाई में , धूल , गेहूँ की भूसी का उड़ना नाक और गले के लिए उत्तेजक पदार्थ है | काम करने वाले किसान । और मजदूर मुँह और सिर को गमछे से बाँध कर करते हैं | इस वर्ष तो पहले से ही मास्क का अभ्यास लग चुका है | व्हेअत बॅन ( भूसी ) से उड़ने वाले महीन कण श्वास मार्ग से अंदर जाकर खाँसी और सर्दी को उत्तेजना मिलती है | थ्रेसर की आवाज़ और धूल से वातावरण धूमिल हो जाता है | यह इस कोरोनामय चिंतन में कठिनाई जोड़ेगा | मजदूर नहीं मिल रहे | सावधानी से काम लेना होगा | हमारे यहाँ हेटों की बनावट , टुकड़े ऐसे हैं की मशीन द्वारा कटनी और झटनी संभव नहीं है | यहाँ मशीन ओं का चलन न अभी हुआ है न मशीन अभी उपलब्ध ही है | देखिए , काम तो होना ही है । किंतु सावधानी के साथ हीं ।
इस कठिनाई का निदान होमेयो पैथी की दवा से संभव है । सैइलीसिया नाक की दवा , एपन्जिय भी लाभकारी है | एलियम सीपा का प्रयोग जुकाम को रोकेगा | इस अवसर पर उपचारों को लेकर सोसल मीडीया अपनी जानकारी साझा करने में कमी न कर रही | एक जानकार एलो पैथिक चिकित्सक इन सस्ते – उपयोगी उपचारों की उपादेयता पर लाभ – हानि तथा उसकी व्यर्थता पर अपना विचार देते हए स्पष्ट किया की मैं एलो पैथिक चिकित्सक हैं | अन्य पद्धतियों के बारे में अपने झुकाव पर अपनी असमर्थता भी दर्शाई । ऐसी स्थिति में सभी पद्धतियों के विशेषग्य सामने आकर अपनी – अपनी जानकारी और अनुभव साझाकर समय की ज़रूरत में सहायक बनें |
हमारे होमियो पैथि के प्रवर्तक डा . हैनिमैन की जन्मतिथि 10 एप्रिल उनकी जयंती मनाने के लिए प्रसिद्ध | इस अवसर पर जयंती समारोह में चिकित्सक उन महात्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते तथा सेमिनार आयोजित कर ज्ञान भी शेयर करते हैं | भीड़ जुटाने पर जो रोक चाहिए किंतु वे चाहें तो अपना ज्ञान इस समय साध्य विषय पर देकर अपने निर्णय से समाज को लाभान्वित करें तो यह हैनिमैन महोदय के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी |

 हैनिमैन भी चिंतित मुद्रा में हैं | हम सभी अपने ज्ञान वैभव का परिचय देकर उन्हें स्वर्ग में शांति पहुँचाएँ ।
 जय हैनिमैन,
 जय होमियोपैथ ॥

    One thought on “ऐसा सन्नाटा”

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *