Mon. Mar 18th, 2024

Category: साहित्य

संस्कृति में परम्पराओं का पालन जरूरी किन्तु विचारणीय

संस्कृति में परम्पराओं का पालन जरूरी किन्तु विचारणीय डा० जी० भक्त सभ्यताओं के सृजन में काल और परिस्थिति की भूमिका का समावेश किंचित अभाव या अतिरेक हो जाना सम्भव है…

विचारों की प्रखरता से सुदूर यात्रा की तैयारी

विचारों की प्रखरता से सुदूर यात्रा की तैयारी डा० जी० भक्त विचारों में चेतना का प्रवाह एवं उसके प्रति जागरूक और पोषक ज्ञान श्रृंखला पर मंथन अगर अपने लक्ष्य पर…

आध्यात्मिक विषय, आत्म चर्य्या

आध्यात्मिक विषय, आत्म चर्य्या डा. जी. भक्त मेरे विद्यार्थी जीवन में सिलेक्श था जिसे हिन्दी राष्ट्रभाषा की पुस्तक में पढ़ा था । विद्यापति की कविता में- आध जनम हम नींद…

विजय की महत्वकांक्षा और मानव धर्म

विजय की महत्वकांक्षा और मानव धर्म डा. जी. भक्त दो राष्ट्रों के बीच या दो व्यक्तिया के बीच संघर्ष अवश्य हो किसी कारण विशेष के द्योतक होते हैं । वे…