राजनीति का मनोविज्ञान
राजनीति का मनोविज्ञान डा० जी० भक्त मैंने अबतक कइयों के मुँह से सुन चूँका- “मुझे अपनों ने लूटा औरों को क्या दम था।मेरी कस्ती वहाँ डूबी जहाँ पानी ही कम…
राजनीति का मनोविज्ञान डा० जी० भक्त मैंने अबतक कइयों के मुँह से सुन चूँका- “मुझे अपनों ने लूटा औरों को क्या दम था।मेरी कस्ती वहाँ डूबी जहाँ पानी ही कम…
राजनीति वह नही जो देश को दुर्बल बनाए डा. जी. भक्त अविवेक पूर्ण सोच से उपजा निर्णय, आत्मतुष्टि का लक्ष्य लेकर उठा कदम, आर्थिक कीमत चुका कर सक्रिय राजनीति में…
चुनावी दंगल में राजनीति का पंगुपन डॉ . जी . भक्ता जनतंत्र की नगरी वैशाली और सांस्कृतिक आदर्शों का पालक देश भारत की राजनीति में कतिपय जनतांत्रिक मानकों का पलायन…
राजनीति के उत्कृष्ट आयाम राज सत्ता या जनसत्ता दोनों में से कोई भी जनाकांक्षाओं का पोषक अवश्य हो , साथ ही संस्कृति का पालनकर्ता भी । रानीति की प्रखरता और…