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शिक्षा में सकारात्मक सुधार का 21 सूत्री नारा :-
![शिक्षा में सकारात्मक सुधार का 21 सूत्री नारा (21 point slogan of positive improvement in education) शिक्षा में सकारात्मक सुधार का 21 सूत्री नारा (21 point slogan of positive improvement in education) Dr. G. Bhakta article](https://1.bp.blogspot.com/-jwWZv7DwTp0/Xz8etoQSwnI/AAAAAAAAMJY/nTon_vZDr9kJfrzKSkgPgzlLLS73Psv_ACNcBGAsYHQ/s400/PicsArt_08-21-06.18.13.jpg)
- शिक्षा में सुधार हो ।
- विद्यालयों में पवित्रता और क्रियाशीलता आयें ।
- शिक्षकों में आदर्शपूर्ण विचार फले ।
- छात्रों में अनुशासन विकसित हो ।
- शिक्षा के साथ नैतिकता का समावेश हो ।
- विद्यालयों में मूल्य परक शिक्षा दी जाय ।
- नागरिकों में मानवीय मूल्यों का विकास हो ।
- देश के नागरिक , सेवक और अधिकारी कर्तव्य निष्ठ , उत्तरदायी और सदाचारी हों ।
- शिक्षा से कदाचार की समाप्ति हो ।
- शिक्षा द्वारा राष्ट्र की मर्यादा की रक्षा हो ।
- शिक्षा में सामाजिक सरोकारों पर बल दिया जाय ।
- देश में सकारात्मक शिक्षा की नींव डाली जाय ।
- शिक्षा का मानक हमारी भारतीय संस्कृति हो ।
- शैक्षिक परिवेश को प्रगत और समृद्ध बनाया जाय ।
- शिक्षा के सुधार द्वारा देश में “ जगद्गुरुःः की मर्यादा की पुनर्स्थापना हो ।
- शिक्षा में सुधार के लिए सरकार ही नहीं , देश के नागरिक और अभिभावक भी जागरुक हों ।
- शिक्षा के इन संदेशों को पूरे देश में फैलाया जाय ।
- इस सुधार कार्यक्रम को प्राथमिक कक्षा से शुरु किया जाय ।
- ऊँची शिक्षा की समृद्धि के लिए प्राथमिक शिक्षा की नींव मजबूत हो ।
- शिक्षा में सुधार के इस अभियान में सभी स्नातक और स्नातकोत्तर शैक्षिक समूह का योगदान हो ।
- शिक्षा को अपने लक्ष्य और आदर्श की ऊँचाई पर स्थापित किया जाय ।
डा ० जी ० भक्त
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