आइए, हम सब स्वतंत्रता दिवस मनाएँ !
ए भाई, जरा सोच के चला ?
डा० जी० भक्त
स्वतंत्रता दिवस मनाना बहुत जरुरी है। इसका अपना खास इतिहास है, जो बतलाता है कि हमारे देश को जो अंग्रेजी राज सत्ता से अपने हाथ में लौटानी पड़ी, उसका मूल्य बड़ा भाड़ी है। बड़ी कुबानी है, एक लम्बी कहानी हैं।
किन्तु इसका महत्त्व मात्र इतना ही है कि हम अपने अतीत को याद कर लेते है। कुछ ग्रहण नही कर पाते इसकी श्रद्धांजलि केवल यादगारी नही बल्कि समझदारी भी लानी चाहिए, ऐसा करना हम संकल्प करके भी भूल जाते हैं। इसके मात्र एक औपचारिक ही माने।
काल तीन है, भूत, वर्त्तमान और भविष्य, भूत तो अतीत का स्थान लेकर हमारी याद बनकर प्रेरित कर रहा है। इस पर ज्यादा सोचना जरुरी नही, हमे उसकी सच्चाई पर गर्व करना उचित है किन्तु वर्त्तमान को ठी से ध्यान मे लाकर संवारने की आवश्यकता है। गाँधी जी जय, इत्यादि भर से काम नही चलेगा जरुरत आज भी है उससे कही बढ़कर भूमिका चाहिए और आज ही चाहिए। युद्ध नहीं, शान्ति पूर्ण समाधान। तब होगी “गाँधी जी की जय की सच्ची श्रद्धांजलि।