आज का चिन्तन
- अगर मन में तनाव आपको अशान्त और भ्रमित करता हो तो व्यर्थ चिन्तन त्याग दें । गैर आर्थिक श्रम न करें । अच्छे गीत संगीत भजन , सुचिंतन और व्यायाम ध्यान की और बढ़े । ये उत्तम साधन है जीवन के ।
- सफल और सकारात्मक जीवन अपनाएँ ।
- अपनी इच्छानुकूल निर्णय लें और दृढ़ निश्चय के साथ बढ़ें ।
- किसी कीसेवा के प्रति आभार व्यक्त करें ।
- स्वाध्याय , गृह कार्य , बच्चों को सीख देना पढ़ाना , बागवानी या कलात्मक सृजन का अभ्यास आपको सफल दिशा की ओर प्रेरित करेंगे ।
- आज के समाचार राजनैतिक या गलत ग्रामीण घटनाओ की चर्चा से दुर रहें ।
- प्राकृतिक दृश्यों का अवलोकन भ्रमण और मनन करें ।
- सद् साहित्य या धार्मिक चर्चा पर मन केंद्रित करें ।
- कृषि पशुपालन या छोटे आर्थिक लगाव से जुड़े ।
- शुद्ध हवा , जल स्थान , फल – सब्जी , स्वल्व आहार , उपवास , मौन या ईश्वर चिन्तन मंत्र श्लोक का जाप मन को केन्द्रित करेंगे ।
आज विश्व में शुचिता और रचनात्मकता , ये मात्र दो ही अगर सार्थक रुप में उत्तर पाये तो इससे बढ़कर सफलता श्रेय , सम्मान , यश पुय जनकल्याण के साथ बाधाओं से मुक्ति , स्वस्थता एवं अमरत्व तक की प्राति सिद्ध हो सकती है ।
शोक , पश्चाताप , विशाद , भ्रांति , विक्षोम आदि के लिए मधपान , संज्ञाशून्यता की दवा , एवं विधुत का आधात कभी भी मानव का कल्याण नही कर एक गलत संदेश दे जाता है ।
मनोरोग या मनोमालिन्य मिटाने के लिए दवा की आवश्यकता नहीं , प्रवृत्तियों पर प्रभावी नियंत्रण साधना से ही सम्भव है । मन की अवधारणा में दवाओं की सहज पहुँच होमियोपैथी में सम्भव इस कारण हो पाती है कि दवाओं की पूविंग ( परीक्षण ) के क्रम में विविध प्रकार के मानसिक लक्षण प्रकट होते है उनकी सदृश्यता पर विचार करते हुए , ये दवाएँ अमृत तल्य कार्य करती है । उसका सहयोग विचारणीय एवं विश्वसणीय है ।
( डा ० जी ० भक्त )