कोरोना के गम्भीर परिणाम और समाधान की अनुपलब्धता
पूरी दुनियाँ इस विश्व व्यापी संक्रमण का बुरी तरह परिणाम झेलते हुए लगभग छः माह पूरे कर डाली । कारगर चिकित्सा का अभाव और वैकल्पिक उपचारों से जो कुछ मिश्रित प्रभाव देखे जा रहे है तथा संक्रमण की जो गति है उससे चिन्ता बढ़ती जा रही है । एलोपैथिक आयुर्वेदिक तथा होमियोपैथिक चिकित्सा विधान से जो कुछ प्रयास चल रहा है उसके द्वारा लाभ जो हो संक्रमण पर ब्रेक नही लग रहा है । उपयुक्त दवा पर शोघ चल रहा है । निकट भविष्य में दवा उपलब्ध कर लेने की बातें सुनी जा रही है । विविध क्षेत्रों से विचार , उपचार और सही समाधान की बातें तो की जा रही है किन्तु उनके विधान और ठोस आधार सामने नहीं आ रहे । उसके वायरस को निष्प्रभावी बनाने वाली प्रिवेन्टिव दवा नही बन पा रही । समस्या गहराती ही जा रही है । भारत में इस संक्रमण से मृत्यु की संख्या में सुधार के प्रतिशत बढ़ते बतलाये जा रहे हैं फिर भी शहरों में स्थिति गम्भीर है ।
एलोपैथिक के चन्द औषध , आयुर्वेद के नुस्खे तथा होमियोपैथी की कुछ दवाइयाँ भी अटकलों पर चलायी जा रही है । सुधार के परिणाम घटते बढ़ते रहने से समय बढ़ता जा रहा है । समस्याएँ गहरा रही है । वायरस को निष्प्रभावी होने का ठोस वैज्ञानिक आधार वाली दवा की खोज आवश्यक है । एलोपैथी में जो दवा काम कर रही उसपर विवाद है और संतोषप्रद नही माना जा रहा है । आयुर्वेद के नुस्खे श्वसन तंत्र की क्रिया को सही दिशा देने में उपयोगी अवश्य है । शरीर की जीवनी शक्ति बढ़ाने वाली है किन्तु वायरस पर उसकी क्रिया तत्काल होती है उसका प्रमाण प्रयोग द्वारा परीक्षित तथ्य तो नहीं है ।
ऐसी परिस्थिति में होमियोपैथी की एक दवा हर प्रकार से सटीक परीक्षित , प्रमाणित एवं संक्रमण के लक्षणों से समतुल्य रोगनाशक एवं प्रतिशेधक गुण से सम्पन्न तथा विश्वसनीय है । उसके आविष्का डा ० जे ० जे ० वर्थ विल्किशन है , दवा नोसोड जाति की है । उसका नाम हिप्पोजेनियम है । डा ० विलियम बोरिक की होमियोपैथिक मेटेरिया मेडिका के अन्दर उसका स्पष्ट वर्णन है । डा ० जॉन हेनरी क्लार्क ने अपनी पुस्तक ‘ ए प्रैक्टिकल ऑफ मेटेरिया मेडिका में डिक्शनरी स्पष्ट उल्लेख किया है जिसकी जानकारी देते हुए मैने आयुष के शीर्ष पदाधिकारी महोदय को मार्च के ही अंतिम सप्ताह में दे रखी थी पुनः स्मारपपत्र दिया हूँ । W.H.O तथा सेन्ट्रल काउंसिल ऑफ होमियोपैथिक रिसर्च को बार – बारनिवेदन किया हूँ कि उनके द्वारा तत्काल कोरोना -19 के ( + ) ve रोगियों पर परीक्षण कर सफल प्रमाणित सिद्ध होने पर उसके प्रयोग करने की घोषणा की जाय किन्तु उनका ध्यान अबतक इस विषय पर आया है या नही इसकी जानकारी या उनका निर्देश अबतक अप्राप्त है । इस बीच होमियोपैथी की अनुपयुक्त दवाइयाँ भी जगह – जगह पर बाँटी जा रही है । उसका निर्देश झारखण्ड के आयुष सचिव ने भी प्रकाशित की है । धरत्ले से उसका प्रयोग चल रहा है किन्तु यह किस प्रकार प्रमाणित हुआ कि उसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा । अतः इन बिन्दुओं पर CCRH , स्वास्थ्य विभाग W.H.O भारत सरकार के कोरोना के अधिकृत पदाधिकारी तथा आयुष के पदाधिकारी स्थिति स्पष्ट कर इस पुनीत कार्य में योगदान करे । होमियोपैथी को इसका श्रेय दिलाने के लिए HMAI तथा L.H.M.I को आगे आकर महान होमियों चिकित्सकों के महान चिन्तन एवं प्रयोग तथा हनिमैन के सपनों को साकार कर विश्व के मानव समुदाय के अस्तित्व को बचाने का इस विभीषिका के समय में कार्य करना चाहिए । मुझे विश्वास है कि ये लोग मेरे साइट ( myxitiz.com ) को गुगल पर डा ० जी ० भक्त के मीनू पर क्लिक कर भली प्रकार सर्च कर सुझाये गये विषय पर अवश्य विचार करें ।
आशा और विश्वास के साथ मैं आप सबों का सहयोग राष्ट्र हित में प्रतीक्षारत रहकर करता हूँ ।
Achha hai