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क्या हम भारतीय है ?

डा० जी० भक्त

क्या आपको अपने आप पर शंका हो रही है ? क्या आपने कभी अपना आवासीय प्रमाणपत्र जमाकर अपनी राष्ट्रीयता अंकित नहीं करायी ? क्या आपने अपना आधार कार्ड नहीं बनवाया है ? अगर नहीं तो अपना जन्म प्रमाण पत्र जन्म कुंडली जन्म का रजिस्ट्रेशन, विद्यालय प्रवेश पंजी में उल्लिखित वायोडाटा, वोटर आई डी, पासपोर्ट, राशन कार्ड, या पैन कार्ड में से जरूर कुछ होगा हीं।

अगर सम्भव हो, तो अपनी वंशावली में जायें, उनका इतिहास जानें पूर्व पुरूषों का प्राकृत निवास पता लगायें, तो आपको अपनी और जातीय पारम्परिक राष्ट्रीयता की जानकारी मिल पायेगी।

अपना जातीय इतिहास उपलब्ध कर जातीय वर्गापर्गानुसार उद्भव, पेशा, प्रवास, प्रत्याग आदि पर शोध कीजिए।

सजातीय/ पैतृक सम्पथी के डी. एन. ए. का तुलनात्मक अध्ययन कीजिए या अन्य वैज्ञानिक जाँच का सहारा लीजिए।

अन्यथा

अपने आप पर मंथन कीजिए :-

  1. आपनें पिता-माता के गुणों, विचारों, जीवनशैली एवं कार्यकलाप से कितना साम्य पाया जाता है।
  2. आपका अपने परिवारिक सदस्यों के साथ कितना सामंजस्य बढ़ता है।
  3. आपको अपने ग्रामीण परिवेश से कितना जुड़ाव है ?
  4. आपकी जीवनशैली, भाषा, वेशभूषा, संस्कृति विचारधारा और पेशा किन देशों और राज्यों से प्रभावित है ?
  5. आप पर्यटन / देश भ्रमण में किन राज्यों देशों को प्राथमिकता देते हैं ?
  6. अन्ततः आप किस देश की राष्ट्रीयता के प्रति अधिक लगाव रखते हैं ?

ये मानक आपको व्यवहारिक रूप से आपकी राष्ट्रीयता के धोतक माने जा सकते हैं।

अगर आप अपनी संस्कृति पर जायें, तो :-

  1. आपको भारत की सच्ची पहचान के मानकों को इतिहास में जाकर झांकना होगा।
  2. उसके लिए आपको स्वतंत्र भारत को ही महत्त्व देना पर्याप्त नहीं होगा।
  3. भारत आर्यावर्त, हिन्द आदि नामों के पर्याय निहितार्थ, महत्त्व और गरिमा को जानना होगा।
  4. भारत की प्राथमिक पहचान और क्रमिक पहचान को निर्धारित कर इस तथ्य पर उतरना कि कौन सा युग (इतिहास का कालखण्ड) भारतीय गौरव का उत्कर्ष सिद्ध करता था।
  5. आप भारत के उस गौरव का किस प्रकार पालन करते या उसका पक्ष मंड करते हैं?

सच्ची भारतीयता के मौलिक तथ्य :-

  1. यहाँ की भूमि से लगाव
  2. ग्रामीण जीवन से जुड़े वे तथ्य जो हमें भारत से जोड़ते हैं।
  3. भारतीय संस्कृति का कौन सा पहलू आपकी दृष्टि में विशिष्टता रखता है ?
  4. क्या आपको भारत से ऐसा लगाव है जिसे आप त्याग नही सकते ?
  5. आपने अपने जीवन को विश्व के किस आदर्श पुरुष या कीर्तिमान से जोड़ा है, अपनाया है या अपनाने का लक्ष्य रखा है ? इससे ही आपकी सच्ची राष्ट्रीयता की पुष्टि होगी।

भारतीय राष्ट्रीयता के घोषित मानक :-

  1. सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुसताँ हमारा।
  2. कुछ बात है कि हस्ती मिटती नही हमारी ।।

इतिहास इसका साक्षी है कि भारत की सभ्यता संस्कृति, गौरव गरिमा, कला-कौशल, ज्ञान, दर्शन, धर्म और इसकी विराटता में एकता सबसे महान गुण था। दूसरी बात, जो बतलाती है कि भारत वासियों को जिन-जिन साम्राज्यवादी झकोड़ों को झेलना पड़ा, तथापि ये भारत में बने रहे अपने पथ को व्यागा नही, उसकी रक्षा का व्रत लिए बढ़ते रहे।

सबसे अधिक चिंता की बात है कि अंग्रेजों द्वारा थोपी गयी गुलामी और अंग्रजी संस्कृति का प्रभाव भारत जरूर तोड़ पाया।

विडम्बना है कि हम अपने को भारतवासी बतला पाते हैं राष्ट्रीयता भी भारतीय लिखते हैं। अंग्रेजी पोशाक पहनते हैं। हिन्दी को राष्ट्रभाषा घोषित कर भी संसद की कार्यवाही अंग्रेजी में करते हैं। अपने देश में सेवा न देकर अर्धार्जन के लिए विदेश जाते हैं। आज कन्वेन्ट विद्यालयों में अपने बच्चों को अंग्रेजी भाषा पर आधारित प्राथमिक शिक्षा दिलाते है । क्या मजाक है, अपने को भारतीय घोषित करना। लेकिन मै हृदय से आग्रहशील हूँ कि भारतवासी अपने राष्ट्र के प्रति राष्ट्रभक्ति जतायें तन से भाव से सेवा से, समर्पण और कीत्तिमान अर्जित करें जो सदा के लिए अमरता दिलाये।

राष्ट्र आपसे बड़ी अपेक्षा रखता है।

By admin

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