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सावधानी बरतने से समस्याएँ स्वयं दूरी ले लेती है कोरोना पर विशेष :-

Due to caution, problems themselves take distance – special on corona

सावधानी बरतने से समस्याएँ स्वयं दूरी ले लेती है कोरोना पर विशेष :- Due to caution, problems themselves take distance - special on corona Dr. G. Bhakta Article

 ध्यान देना अत्यावश्यक इसलिए है कि कोरोना के असर से दुनियाँ अवगत हो चुकी है । भारत भी अब उससे ज्यादा चिन्तित हो रहा । आज इसे बहुतेरे क्षेत्रों में दुबारा लॉकडाउन की घोषणा हो रही है । पहले आगन्तुक ही इसके कारण माने जाते थे , अब स्थानीय तौर पर भी संक्रमण फैल रहा है । चिन्ता बढ़ने के निम्न कारण भी विचारणीय है ।
 1. संक्रमण का दुबारा प्रभावी होना ।
 2 संक्रमण के लक्षणों में बार – बार बदलाव लाना ।
 3. उस अवधि में नये – नये प्रभाव में वायरस उतर रहा है ।
 4. उतनी अवधि तक वैक्सिन उपलब्ध न होने से वायरस निष्प्रभावी नहीं हो सका ।
 5. परिवर्तित रुपों में संक्रमण से वैक्सिन को प्रयोग लायक स्थिति में उतार पाना असम्भव होगा ।
 6. अबतक बनाये गये वैक्सिन कारगर नहीं उतर पाये । आने वाले वैक्सिन भी मात्र फेफड़े को संक्रमण से बचा सकेंगे किन्तु संक्रमण जारी ही रहेगा ।
 7. को – वैक्सिन के आने की सम्भावना दूर की आवाज है । इसकी प्रक्रिया पूरी होने में कई विधान से उसे गुजरना है ।
 8. अनिश्चितता और अस्थिरता के साथ मात्र सम्भावना पर भरोसा कोई निदान नहीं ।
 9. नियमों की अबहेलना हमें गम्भीर परिणाम दे सकते हैं । उनके पालन में पिछड़ना खतरे का ही निमंत्रण होगा ।
 10. देश की ओर से जो संदेश आये , उसे ही सविश्वास ग्रहण और पालन से पीछे पैर न डालें । मनमानी बड़ी भूल होगी क्योंकि आर्ष वचन है :

 दुर्वासना मम सदा परिकर्षयन्ति ,
 चितं शरीरमपि रोगगणा दहन्ति ।
 संजीवनं च परहस्तगतं सदैव ,
 तस्मात्यमेव शरणं हे मम दीनबनधों ।

 बुरी बासनाएँ हमे सदा परेशान करती . बुरी दिशा में खींच ले जाती है । मन और शरीर को रोगों के समूह जलाते रहते हैं । रोगों की दवा हमेशा दूसरों के हाथ में ( पकड़ से दूर ) है । अतः हे गरीबों के रक्षक भगवान , मै किस की शरण में जाऊँ अर्थात मेरे लिए आप ही सब कुछ हैं ।
 आवाहन , आस्था , प्रार्थना , सही दिनचर्या आहार संयम ( नियम पालन ) एवं सरल सुगम विधानों को सविश्वास प्रयोग में लायें । होमियोपैथी की समलक्षण सम्पन्न औषधि की न्यूणतम खुराक का साधन करें ।

 दवाः हिप्पोजेनियम 200 शक्ति ।

 प्रयोग विधान : 30 नं ० गोली में बनी दवा की छः गोलियाँ आधा कप पानी में घोलकर छोटी चम्मच्च से दो – दो चम्मच परिवार के सभी सदस्य सप्ताह में एक बार लिया करें ।
 संक्रमित रोगी उसी प्रकार से तैयार घोल को दो – दो चम्मच चार बार प्रतिदिन लें लाभ मिलने पर दवा का अन्तराल बढ़ा दें ।
 डा ० जी ० भक्त

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