हिप्पोजेनियम नामक होमियोपैथिक दवा को कोविड -19 के प्रति परीक्षण की नितान्तता
डा ० जी ० भक्त
विदित है कोरोना का संक्रमण रुक नहीं पा रहा । इसका उतार – चढ़ाव देश – विदेश सबों को चिंतित कर रखा है । अबतक इसके निवारण के प्रयास पूर्णतः सफलता के प्रमाण नहीं साबित हुए । जिन देशों में सुधार पाये गये , वहाँ दुबारा भी शिकार बनना पड़ रहा है । अबतक की सोच में जनता ओर स्वास्थ्य विभाग का भरोसा जमा हुआ है वह वैक्सिन अबतक प्रयोग में नही आ पाया । विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार इसकी प्रतीक्षा इससे भी ज्यादा समय लेने के अनुमान के अनुसार इसकी प्रतीक्षा इससे भी ज्यादा समय ले सकती है । ऐसी परिस्थिति में मेरे द्वारा आयुष के CCRH ( होमियोपैथी ) के निदेशक महोदय से बार – बार निवेदन किया जा रहा है कि वे इस दिशा में उपरोक्त दवा का परीक्षण कर अपने मिशन को पटल पर उतार कर देखें ।
होमियोपैथी की यह औषधि सिद्धान्त और नियमों की कसौटी पर शक्तिकृत और सूक्ष्म खुराक की नोसोड औषधि अबतक श्वसन यंत्र की करीब समस्त बीमारियों , वृद्धों , बच्चों पर परीक्षित एवं प्रयोग पर सत्यापित है । निरापद एवं प्रशंसित है ।
मैंने इसके सन्दर्भ में सरकार एवं आयुष सहित CCH , CCRH , HMAI , WHO सहित विश्व के पटल पर www.myxitiz.in के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए प्रयोग के रुप प्रतिषेधक एवं निवारक रुप में आजमाने के लिए सुझाव दिया था । स्वयं भी अपने स्थानीय पंचायत के सभी वार्डों में इसकी प्रतिषेधक खुराक सप्ताह में एक बार चलाये और प्रभावी पाया । मेरे क्लिनिक में आये रोगियों को जानकारी मिली तो दवा लेकर अपने परिवार एवं पड़ोसियों पर प्रयोग किया है और लगातार साप्ताहिक प्रयोग करते आ रहे हैं । कोई प्रकार की हानि के रिपोर्ट नहीं तथा अबतक संक्रमण से बचे हुए हैं ।
एतदर्थ कोरोना से मुक्ति के लिए मेरा पुनः उपरोक्त अधिकारियों सहित स्वास्थ्य मंत्री महोदय से अनुरोध होगा कि जबतक प्रतीक्षा का क्रम चल रहा है , इस दिशा में जन हित , राष्ट्र हित एवं मानवता को संरक्षित करने के लक्ष्य से इस मान्यता प्राप्त एवं सरकार द्वारा संरक्षण प्राप्त पैथी होमियोपैथी की सेवा को पटल पर स्थान दिया जाए ।
पुनश्च , मैं आग्रह करूँगा कि महात्मा गाँधी जी के जन्म दिन 02 अक्टूबर पर उनके सत्य एवं अहिंसा के व्रत को इससे जोड़ते हुए अपने देश के महाप्राण नेताओं द्वारा सराहे गये विधान को कल्यानार्थ प्रयोग में लाकर इस कोरोना से जंग के मिशन में होमियोपैथी का सहयोग प्राप्त किया जाए ।