इम्युनिटी बनाम जीवनी शक्ति
होमियोपैथी पहले जीवनी शक्ति को ही जगाती है ।
डा ० जी ० भक्त ( होमियोपैथ )
आज हम भारतवासी होकर इंडिया को दूढ रहे हैं । हम शायद भटक रहे है । हम सताब्दियों पहले से भटक रहे है । जब भारत पर गुलामी छायी , तब से भटक रहे हैं । अपनी संस्कृति को कमजोर होते पाया । उस संघर्ष को हम अपने पक्ष में नहीं ले पाये । यहीं पर हम कमजोर पड़े । आज आप सुन रहे है कि कोरोना काल में आयुर्वेद की भूमिका कुछ हद तक काम आ रही , यह सुनकर देशवासी कुछ हिम्मत जुटा रहे हैं । प्रतिदिन बाबा रामदेव एवं कुछ अन्य क्षेत्रों से लाभकारी सुझाव आ रहे हैं । वह सुझाव लोगों के लिए प्रिय है लेकिन भारतीय होते हुए अथवा कहलाते हुए उन्हें शायद पता नहीं कि उनके पाकशाले उनकी थाली एवं उसमें परोसे गये व्यंजन में आयुर्वेद आपके लिए संजीवनी बन कर जिन्दगी से जुड़ रही है ।
हम सबों में आप भी आते है । मैं भी हूँ । हमने आयुर्वेद को भुलाया , वह आपको नहीं भूला । आज जिन आयुर्वेद के शिक्षा धारियों को आयुष में लेकर बहाल किया गया है , सुनता हूँ कि उनपर अस्सी प्रतिशत एलोपैथिक लिखने का दवाब है । कभी उन्होंने आयुर्वेद के नाते , भारतीय होने के नाते , देश भक्ति के नाते उन अंग्रेजी भक्तों की बातें ठुकरातने की हिम्मत की ?
मैं तो होमियोपैथ हूँ । होमियोपैथी जर्मनी की देन है । उसी एलोपैथी से असंतुष्ट होकर जन्म ली । अपने द्वारा आरोग्यता भी जमायी , अंग्रजी पद्धति की कमियों की जगह सम्पूर्ण आरोग्य की प्रक्रिया स्थापित कर प्रविष्ठित हुयी एवं वह भी विश्व में 200 से अधिक देशों में अपना पैर जमा पायी । उसके सिद्धान्त में हर जीव में जीवनी शक्ति ( Vital Force ) पायी जाती है । रोग शक्ति कमजोर जीवनी शक्ति वालों पर ही प्रभाव डालती और रुग्न बनाती है । चिकित्साक्रम में जब शक्तिकृत दवा ( Dynamised Remedy ) पहले रोगी की जीवनी शक्ति को ही जगाती है । यहाँ से वही शक्ति शरीर में व्याप्त बाहरी रोग शक्ति से लड़कर उसका निराकरण ( Annihilation ) जड़ से उखाड़ना ( Erradication ) रुग्न तन्तुओं को शरीर से बाहर करना ( Obliteration ) आदि प्रक्रियाओं द्वारा स्वास्थ्य बहाल ( Restoration ) आसानी से ( Gently ) शीघ्रता से ( Rapidly ) तथा स्थायी तौर पर आरोग्य ( Permanently Cure ) करती है । अतः यह विश्वसनीय है कि होमियोपैथिक चिकित्सा जीवनी शक्ति बढ़ाने वाली ( Immunity Boster ) दवा की अपेक्षा नहीं रखती और पूर्णतः निरापद दवा से ( Without ary harmful effect ) आरोग्य लाभ लाती है ।
आज भी आयुर्वेदिक चिकित्सकों की तरह होमियोपैथ भी , जो नौकरी पा चुके है , वे हिम्मत नही जुटा पा रहे कि होमियोपैथी जैसी आरोग्यदायिनी , निरापद अन्य आनुषंगिक या वैकल्पिक सहायक की अपेक्षा किए उत्तम चिकित्सा देने वाली पद्धति होकर मूक बनी बैठी है । मैं अकेले विश्व के पटल पर विषयों को साझा करते हुए प्रयत्नशील हूँ , सरकार से भी आयुष से भी और जनता के बीच भी । उन्हें आगे आना चाहिए अपने ही हित में नहीं , विश्व के कल्याणर्थ एवं उन महान होमियोपैथिक नर पुंगवों सहित हैनिमैन महोदय की देन को स्थायी मर्यादा दिलाने के लिए ।
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