Fri. Dec 27th, 2024

Author: Kshitij Upadhyay KISHOR

मानव जीवन में सकारात्मक क्या और क्या नहीं

मानव जीवन में सकारात्मक क्या और क्या नहीं इस छोटे से जीवन में अबतक जो देख सुन और समझ पाया हूँ , बहुत थोड़ा है । सृष्टि अगम अपार है…

विवादों पर विसात , सम्भावनाएँ कुछ खास , कोरोना पर दृष्टिपात

विवादों पर विसात , सम्भावनाएँ कुछ खास , कोरोना पर दृष्टिपात दुनियाँ जान रही कि विश्व व्यापी कोविद -19 संक्रमण द्वारा महाविनाश का दस्तक पुनः दुहरा रहा है । इसके…

विश्व की सरकारें एवं वर्तमान सामाजिक व्यवस्था में समरस जीवन की अवधारणा ।

विश्व की सरकारें एवं वर्तमान सामाजिक व्यवस्था में समरस जीवन की अवधारणा । आज की सामाजिक व्यवस्था में समरस जीवन की अवधारणा पर चिन्तन कोरी कल्पना होगी , किन्तु ऐसा…

भारतीय जनतंत्र पर जाति धर्म और भाषा का जादू आर्थिक विषमता और स्वार्थ से सनी हुयी है ।

भारतीय जनतंत्र पर जाति धर्म और भाषा का जादू आर्थिक विषमता और स्वार्थ से सनी हुयी है । उसे समाप्त कर ही सुधार सम्भव हो सकता है । जब तक…

ज्ञान तो वरदान है ही , किन्तु विज्ञान अभिशाप भी है । विज्ञान पर सर्वथा निर्भरता आवश्यक नहीं ।

ज्ञान तो वरदान है ही , किन्तु विज्ञान अभिशाप भी है । विज्ञान पर सर्वथा निर्भरता आवश्यक नहीं । ( डा ० जी ० भक्त ) अबतक ज्ञान और विज्ञान…

वैश्विक एकता एवं समरसता में राष्ट्रों की भूमिका

वैश्विक एकता एवं समरसता में राष्ट्रों की भूमिका डा ० जी ० भक्त यह कठिन प्रश्न है आज के राजनैतिक धरातल पर आज राष्ट्रों के बीच महाशक्ति के रुप में…