Thu. Nov 27th, 2025

Author: admin

आधुनिक युग की स्वास्थ्य समस्या और चिकित्सा विधान

आधुनिक युग की स्वास्थ्य समस्या और चिकित्सा विधान डा० जी० भक्त सीधे तौर पर विचारको ने जीवन की तीन ही आवश्यक आवश्यकताएं बतायी। वे थे भोजन, वस्त्र और आवास उस…

व्यंगवाण, प्रदूषण पर जंग जारी

व्यंगवाण, प्रदूषण पर जंग जारी -:चिन्तन दो टूक:- डा० जी० भक्त आज का दैनिक जागरण अपने देश के अधिकांश शहरों के वातायन को जहरीला करार देता हुआ एवं कारणों को…

क्या मजाक हैं, हमारा परिवेश और वर्तमान युग का कठोर सच

क्या मजाक हैं हमारा परिवेश और वर्तमान युग का कठोर सच डा. जी. भक्त अभिव्यक्ति कुछ मेरी, कुछ आपकी क्या लिखूं बहुत लोग लिख गये, लाखों पन्नों में लिख गये…

रोटी कपड़ा और मकान -डॉ० जी० भक्त

रोटी कपड़ा और मकान डॉ० जी० भक्त इस धरती पर मनुष्य अन्य जीवों से इतना ही पृथक है कि उसकी बुनियादी माग कहें या राजनैतिक अधिकार या मानवता के नाते…

स्वतंत्र या गुलाम -डा० जी० भक्त

स्वतंत्र या गुलाम डा० जी० भक्त शीर्षक प्रथमतया विषय वस्तु से सम्बन्ध रखता है। हम स्वतंत्र भारतीय है या गुलाम इसका उत्तर जटिल है और सामान्य भी अगर हम अपने…

क्या हम भारतीय है ? -डा० जी० भक्त

क्या हम भारतीय है ? डा० जी० भक्त क्या आपको अपने आप पर शंका हो रही है ? क्या आपने कभी अपना आवासीय प्रमाणपत्र जमाकर अपनी राष्ट्रीयता अंकित नहीं करायी…

आधुनिक जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता (निष्पति व निवृत्ति) लेखक- डा. जी. भक्त / Shrimad Bhagavad Gita

लेखक की अखण्ड साधना का प्रसाद श्रीमद्भगवद्गीता (निष्पत्ति और निवृति) आपके समक्ष है, इनकी खंडित अभिव्यक्ति में आत्मस्तुति, प्रस्तुति, विस्तृति, निष्पत्ति तथा निवृति जो एक पुस्तकाकार में गीता बोध आपकी…