Fri. Apr 19th, 2024

कोरोना ने विश्व को बुरी तरह झकझोरा 

सिहावलोकन 
– डा . जी . भक्त 
चिंतनीय है कि विश्व की महान बैज्ञानिक शक्तिया इस बिभीषिका पर साहस खोकर हिमाम बोल दी हो ! महीना का अनुभव जुटा कर भी भारत सबकुछ करते हुए भी कुछ नही करपारहा ! विकास की सारी दलीले विफल जारही ! चिकित्सा का क्षेत्र अबतक क्या कर सका और क्या करने जारहा , घोर चिंता सामने लाकर रख दी है ! यह परेशानी बतलाती है की विश्व की सरकारे अबतक स्वास्थ्य और सुरक्षा को विकास के कचरो मे धकेल डाली , सोच खो रही है ! इसमे भारत भी अपने अतीत की गाथा गाते हुए चिंतन न कर रहा ! अपने सामर्थ्य को जुटा नही परहा ! हम जो घरो मे बैठ कर चुप्पी साधे अधिर होरहे दया दान की महिमा मे अपना कल्याण ढूंढते संभावी ख़तरो पर विमुद बैठे रहने को विवस है , बिकल्प नहीं निकालते ! लोग मुझसे पूछते है की आपके होमियो पैथी मे कुछ भी निदान है ? आपने कुछ सोचा है ? । बताइए , अबतक तो आपने इसे अबैज्ञानिक कमजोर और मीठी गोलिया ही मानी तो सत्य को समझ कैसे पाएँगे ?
मै 1963 से होमियोपैथी के साथ जुड़ा हू ! 62 वर्षो मे अध्ययन , चिकित्सा अनुभव और सम्मेलन सेमिनारी में समय लगाया उसे होमियोपैथी की सभ्यता को परखने के ही ! मैने बार बार विश्व के मंच पर अपना नारा दिया है कि – ” FOR HEALTH AND CURE POTERITY IS OURS . ” ” स्वास्थ्य जीवन देने और रोगो से मुक्ति दिलाने में आने वाला समय हमारा है ! ” उसी क्रम मे कुछ मेरे विदेशी मित्रो ने कहा – ” sweat homeopathy flow ever thy wonder of healing , it will never cease . ” यह पीढ़ी गोलियो वाली होमियोपैथी अपनी आश्चर्या पंथी आरोग्य कारिणी शक्ति फैलाती रहेगी . यह कभी रुकने वाली नही है ! “
दूसरो ने कहा – ” Homeopathy is trace , i go ahead . होमीयो पैथी एक ठिकाना है , जहा तक हमे बढ़ते जाना है ! ” । मै एक साधारण व्यक्ति हू , कह नही सकता की यह मेरा उन्माद है या देशभक्ति या विश्व के कल्याण की कामना और होमीयोपैथी को जनहित मे साकार कर उसे अमरता दिलाने वाली अनांतशक्ति के प्रयोग से विश्व को बचाने का प्रयास ! बस ! मुझे अपने देश वासीयो का सहयोग चाहिए , कार्य प्रारम्भ है ! निवेदन कर रहा ह ! हमारी सरकार ने होमीयोपैथी को विकास का अवसर दिया , नियोजन और प्रोत्साहन भी ! फिर हम अपना कर्तब्य क्यो भूले !

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