विश्व के हितार्थ एक दुखद निवेदन
विश्व के हितार्थ एक दुखद निवेदन डा० जी० भक्त हे माननीय, शुभानन्तुः । मैं बिहारी नागरिक हूँ एक देहाती होमियोपैथिक चिकित्सक, शिक्षा से प्रेम रखता हूँ। जनता का सेवक देश…
विश्व के हितार्थ एक दुखद निवेदन डा० जी० भक्त हे माननीय, शुभानन्तुः । मैं बिहारी नागरिक हूँ एक देहाती होमियोपैथिक चिकित्सक, शिक्षा से प्रेम रखता हूँ। जनता का सेवक देश…
पेट पर लात डा० जी० भक्त कितनी बुरी बात मानव मानव पर घात लगाये बैठा है। थाने के सिपाही रोड पर खड़े होकर अहले सुबह (हात प्राप्त) ट्रक वाले को…
पेट भरता नहीं डा० जी० भक्त प्रकृति ने वनस्पति पैदा कर उसके पोषण हेतु सर्वप्रथम जड़ विकसित किया जो धरती से जल और पोषक तत्त्वों का शोषण कर पाये उसी…
शिक्षा क्षेत्र में कोचिंग का साम्राज्यवाद डा० जी० भक्त आदि काल से हमारा देश जगत गुरू कहलाता आया है। कोचिंग इंस्टीच्यूट चले तो बूरा नहीं । एक बात जो गम्भीर…
जीना मुश्किल है डा० जी० भक्त सहयोग – असहयोग, समर्थन विरोध, अत्याचार भ्रष्टाचार प्रोत्साहन और धोखाघरी आदि परस्पर विरोधी परिस्थितियाँ तो बाधक घातक और बिनाशक होती ही है किन्तु विश्वासघात…
कोरोना पर चिकित्सा जगत की पहुँच कितनी विश्वसनीय डा० जी० भक्त अगर कहा जाय कि कोरोना के प्रति विश्व जंग अधूरा रहा तो इसमे कोई बड़ी भूल नही मानी जा…
बिना आधार की जनसंख्या नियंत्रण नीति डा० जी० भक्त विचार है कि विश्व में आज बढ़ती आबादी और उसके सर्वतोमुखी जीवनीय प्रश्नों के निदान हेतु निर्धारित जन संख्या के अनुरूप…