होमियोपैथी, कोरोना के प्रति पुनः सावधानीआवश्यक,साईंस फौर सोसाइटी
गत 2020 की फरवरी में अपना देश कोरोना के वैश्विक संक्रमण के प्रति सचेत किया गया था । बचाव के पुरजोड़ प्रयास शुरु किये गये । राष्ट्रीय स्वास्थ्य व्यवस्था में जहाँतक सम्भव हुआ विविध प्रकार से विजय पाने पर पहल हुए । एक हद तक सफलता पायी गयी । देश को गौरव हाथ लगा देशी विधानों के साथ आयुर्वेद और होमियोपैथी के माध्यम से भी प्रयास किये गये । लोगों को इसके लिए जागरुक किया गया ।
वर्ष पूरा हुआ वैकिसन चलाये जा रहे है । पूर्व विधान पर कठोरता से अमल करने का निर्देश प्रायः दिया ही जा रहा है । आज भारत ही नही अन्य देशों में भी इसकी रफ्तार में वृद्धि अंकित की जा रही है जो चिन्ता जनक है । मानव शक्ति की कई प्रकार से हानि हो रही है । पुनः लॉकडाउन की नौवत आ रही है । अतः देश की जनता को विज्ञान सम्भत प्रचलित एवं मान्यता प्राप्त चिकित्सा प्रणाली द्वारा चलाये गये अभियानों का सहारा विशेष सहयोग एवं राष्ट्रहित में सेवा के रुप में अवश्य ही ग्रहण किया जाना चाहिए ।
होमियोपैथी एक पूर्ण आरोग्यकारी एवं निरापद चिकित्सा की वैज्ञानिक प्रणाली है इस दवा का धातक दुष्परिणाम नही होता । मेरा निवेदन होगा कि होमियोपैथिक चिकित्सक पुनः इस नये वर्ष में भी ” हिप्पोजेनियम 200 शक्ति की दवा की छ : गोलियाँ एक कप पानी में घोलकर मात्र दो चम्मच बच्चों को पूरे परिवार ( करीब आठ से 10 संख्या में ) कोरोना से बचाव एवं प्रतिषेधक क्षमता बढ़ाने हेतु सप्ताह में एकबार लगातार 3 माह तक दिया करें । ऐसी सेवा अपने क्लिनिक से प्रारंभ करे । 05 एम ० एल ० शीशी में 30 नम्बर गोली में छ : बूंद दवा डालकर सपरिवार के लिए 30 रु ० लेकर देने से एक परिवार उसे तीन माह तक ग्रहण कर सकता है । यह सर्व सुलभ प्रक्रिया हर परिवार के लिए सम्भव है । जिनके क्लिनिक में प्रतिदिन रोगी आते है उन्हें दवा के लिए प्रेरित करें और दवा उलब्ध कराकर समाज के हित में अपनी सेवा अर्पित कर यशस्वी बने । देश के नागरिकों से भी अपील है कि होमियोपैथी की सेवा से अपने परिवार बचायें ।
दि प्रोग्रेसिव साईंटिफिक मेडिकल एण्ड लिटररी रिसर्च फाउण्डेशन , हाजीपुर वैशाली ( बिहार )