सम्पूर्ण विश्व में राजनीति
का रोमांचक खेलचल
रहा है |लेकिन
आहान है वैश्वीकरण और उदारीकरण का |
उपभोगता बाद ओर मानवाधिकार को
जब निगलता जा रहा है तो ,शुभ
क्या औऱ कामना कैसी ?
संत मुल्क समाज में त्याग का सर्वोच्य स्थान है|सुख का साधन संग्रह करने में जुटा मानव कभी यह सोच पता है कि जो उसकी अपनी अभिलाषा है ,वह दुसरो की भी होगी ? फिर हम अपने साथ उन्हें न शामिल करे समूह का आनंद ले ,लेकिन यह तो डिस्टनसिंग का मूलमंत्र पहले लागू है |
डा ० जी ० भक्त
-: कोरोना कथा-2021 की ओर :-
शुभ संदेश
सुंदर लगता क्षितिज धरातल
पर्वत समतल सागर का तल |
भूतल उपवन वन -धन श्यामल
चंचल चिंतवन जन -गण, तन मन||
उससे सूंदर सुधा अमरता
शांति प्रगति तथा समरसता |
समृद्धि सद्भाव भरा जग
प्रेम भरा व्यवहार सहजता ||
सबसे सुंदर सुखमय वाणी
सदा भोजन शीतल पानी |
मान औऱ अपमान बराबर
निगत द्वेष ,वह सच्चा ज्ञानी ||
विचार प्रार्थित
चांद को चांदनी मुबारक आसमा को सितारे मुबारक और मेरे दोस्त हमारी तरफ से नया साल मुबारक …!
क्षितिज उपाध्याय किशोर