Tue. Nov 26th, 2024

को बड़ छोट कहत अपराधू
 डा . जी . भक्त

 इस कहावत को हम कोरोना समस्या से जोड़ कर देखें तो कई प्रकार की बातें खड़ी हो जाती है जिसे हम मानवता की क्षति कह सकते हैं | आज छोटा – सा वाइरस संपूर्ण विश्व को अपनी चपेट में ले रखा | दुनिया के शक्तिराष्ट्र भी इससे अपने को बचा न पाए | उसके सुरक्षात्मक कदम जो उठाए गये हैं ; उनमें एक छोटी – सी भूल उसके खतरे को बढ़ा सकती है | इसे देखते हुए चौकसी बरती जा रही है । इसे सफल बनाने में पोलीस अपनी पूरी शक्ति लगा रखी है । आवश्यक है सारी जनता इस घड़ी में सुरक्षा के सभी नियमों का पालन स्वेच्छा से करे |
 भूल अगर सूक्ष्म बीज है तो उसका प्रभाव एक विशाल वृक्ष – सा हो सकता है | कभी हम किसी खास व्यस्तता में संलग्न रहकर भयानक घटना के प्रति अन्य मनस्क होकर अवसर खो दें । और उसके घातक परिणाम सिर पर नाचने लगे अपने देश में जब कोरोना पर हम सुधार की दिशा में बढ़ रहे थे उसी बीच इसमें बाधक परिस्थिति नहीं विनाश के बादल बरस पड़े । आज हमारी चिंता बढ़ी और परेशानी उतनी पड़ी ।
 कभी पूर्ण स्वच्छ चंद्रमा विनाश का संदेश देता है कौन कहता है की धर्म बहाने हमारे पड़ोसी हम पर पाप के प्रसाद परोस जाएँ ! हम अपने देशवासियों से कहेंगे की सावधानी , संयम और सतर्कता के साथ मिलजुल कर अपने लक्ष्य के लिए लड़ते चलें | हम उस देश के रहने वाले हैं जहाँ कट्टरता का जवाब अहिंसा से दिया जाता रहा है ।
 आप देख रहे हैं की विज्ञान ( ऐलोपैथिक क्षेत्र से ) हमें यथेष्ट औषधीय सहयता नहीं मिली | हमारे देश के शाकाहारी आहार , जड़ी – बूटियाँ , आयुर्वेदिक दवाएँ विधानानुसार काम आ रहे हैं आयुष की ओर से इस दिशा में सलाह मिल रहे हैं | होमेयोपैथी भी अपनी ओर से सलाह और सेवा दे रही है | आज हमने समाचार द्वारा बिहार में सुधार के संकेत पाए | सही जानकारी और जागरूकता जगाने का कार्य हम चला रहे हैं | उस भावना की सराहना आपने की है । इसके लिए धन्यवाद | हम आशान्वित हैं की भारत इस दिशा में शीघ्र सफल हो पाएगा | लेकिन प्रथमतया कोरोना को निष्फल कर देने के बाद भी इसके दूरगामी दुष्प्रभाव देखे जा सकते हैं | उसकी तैयारी में भी हम जुट चुके हैं | इससे भी बढ़कर हमारी तैयारी वैसी होनी चाहिए की प्रकृति को हम पवन परिसर बना पाएँ जहाँ न रोग हो न शोक | मानव जाती नीरोगता पाकर जीवन के उच्च्तर लक्ष्यों की सिद्धि की दिशा में बढ़े | यह हमारे होमेयोपैथी के प्रवर्तक डा . हैनिमैन की कल्पना रही इनके ही उपासक हैं | हमारी पद्धति ही धरती पर एक मात्र आरोग्य दिलाने वाली है | एक औषधि , सूक्ष्म औषधि , समूल आरोग्य , बिल्कुल निरापद |

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *