आध्यात्म बोध-2 सृष्टि विधान के विविध आयाम
आध्यात्म बोध -2 सृष्टि विधान के विविध आयाम डा० जी० भक्त पूर्वांक में ( आध्यात्म बोध- 1 ) सृष्टि को मूल प्रकृति में पंच तत्त्व से सृष्टि की उत्पत्ति (…
आध्यात्म बोध -2 सृष्टि विधान के विविध आयाम डा० जी० भक्त पूर्वांक में ( आध्यात्म बोध- 1 ) सृष्टि को मूल प्रकृति में पंच तत्त्व से सृष्टि की उत्पत्ति (…
आध्यात्म बोध -1 सृष्टि विधान के विविध आयाम डा० जी० भक्त सृष्टि का स्थूल भौतिक स्वरुप प्रकृति है । इसका आधार पंच भौतिक सत्ता है । इन पाँचों मूल भौतिक…
विश्व में तनाव ग्रस्तता अपेक्षित नहीं डा० जी० भक्त राष्ट्रों की अपनी निजी आन्तरिकष्ट्रीय समस्या तो तनाव लाती ही है , समस्याएँ भी बहुतेरे विषयों पर हमें विचारने को बाध्य…
राष्ट्र भत्ति में युग बोध एवं कर्त्तव्यबोध के योग की सफल झलक डा० जी० भक्त हम देश के नागरिक कहे जाते है । हमारी अपरिमित संख्या है । देश में…
हनिमैन जयन्ती आज का उत्सव नहीं , होमियोपैथ के लिए आत्मचिन्तन का व्रत बनें । विश्व के होमियोपैथ समुदाय आगे आयें । डा० जी० भक्त अब तक चिकित्सा जगत में…
बुराईयों को ही प्राथमिकता जहाँ , वह देश है भारत ! डा ० जी भक्त ..जबकि हमारा देश ईश्वर के अवतारों का स्थल माना जाता हैं । जहाँ पर धर्म…
दीनता के प्रहार को संवेदना का स्वर चाहिए । डा० जी० भक्त विकसित समाज और उपभोक्तावादी परिवेश में दीनता तब असह्य होती है जब परिवार को अपनी आवश्यक आवश्यकताओं पर…