Mon. Nov 25th, 2024

मानवी सृष्टि में सर्वथा और सर्वदा विज्ञान का उन्नयन अनिवार्य

मानवी सृष्टि में सर्वथा और सर्वदा विज्ञान का उन्नयन अनिवार्य डा० जी० भक्त अनुमान किया जाय तो मानव सृष्टि के बाद से चेतना का विकास और अनवरत प्रयास ने मानव…

होमियोपैथी संक्रमण ,संक्रामक रोग ,उसके बचाव और उनकी चिकित्सा -1

होमियोपैथी संक्रमण , संक्रामक रोग , उसके बचाव और उनकी चिकित्सा -1 डा ० जी ० भक्त रोग संक्रमण ( Infection ) विकसित जीवों , पालतू पशुओं और मानव के…

प्रभाग-05 बाल काण्ड रामचरितमानस

प्रभाग-05 बाल काण्ड रामचरितमानस गोस्वामी जी ने राम कथा के महत्त्व को विविध रूपों में समझाया हैं उन्हीं के शब्दों में जो दोहा ( 32 क ) का कथन है…

प्रभाग-04 बाल काण्ड रामचरितमानस

प्रभाग-04 बाल काण्ड रामचरितमानस यह हर तरह से मान्य है कि मानव चेतन प्राणि होकर भी पाप परायण है क्योंकि उसका विवेक मारा गया है । स्वार्थी मानसिकता ने उसे…

प्रभाग-03 बाल काण्ड रामचरितमानस

प्रभाग-03 बाल काण्ड रामचरितमानस रामचरित मानस की रचना में गोस्वामी जी जन – जीवन के मर्मज्ञ अनुभूति प्रखर एवं गहन ज्ञान गरिमा से पूर्ण चिन्तक तथा आध्यात्मिक पुरुष दीखते है…

प्रभाग-02 बाल काण्ड रामचरितमानस

प्रभाग-02 बाल काण्ड रामचरितमानस बालकाण्ड में वर्णित मललाचरण का विस्तार व्यापक है । खूबी है कि अपनी वन्दना के क्रम में स्वाभी – जीने सचराचर जगत को समन्वित रुप में…

प्रभाग-01 बाल काण्ड रामचरितमानस

प्रभाग-01 बाल काण्ड रामचरितमानस रामचरित मानस ग्रंथ की रचना में भक्त कवि तुलसी दास जी ( सोलहवीं शताब्दी ) ने अन्य काव्यग्रंथों की परम्परा का भली प्रकार से निर्वाह करते…