मानव स्वास्थ्य और होमियोपैथी
मानव स्वास्थ्य और होमियोपैथी डा ० जी ० भक्त सृष्टि का शिर मौड़ मानव आजतक धरती पर अपनी चेतना का पंख फैलाकर जितनी दूरिया तय की है , उपलब्धिया हासिल…
मानव स्वास्थ्य और होमियोपैथी डा ० जी ० भक्त सृष्टि का शिर मौड़ मानव आजतक धरती पर अपनी चेतना का पंख फैलाकर जितनी दूरिया तय की है , उपलब्धिया हासिल…
हानेमैन जयंती,10 अप्रैल कोरोना के बदलते परिदृश्य पर गम्भीर किन्तु सकारात्मक विमर्श को निदर्शन डॉ ० जी ० भक्त विचारणीय है कि कोरोना जब स्थायीप्रकरण के रुप में उभरकर विश्वव्यापी…
मानव दुखी क्यों ? विश्व के बहुतरे सन्तों ने सृष्टि को दुखों का अपार सागर ( भवसागर ) कहा या माना । इस भव सिन्धु को पार पाने का मार्ग…
ऐ मन काहे न धीर धरै ? जीवन में मानव का चेतन मन प्रकृति की विराटता में आशा और तृष्णा की प्रबलता के सथ भटकना त्याग नहीं रहा , जैसे…
आदर्शों की सीमा है भगवान रामचन्द्र इस शीर्षक के चार शब्द क्रमशः आदर्श सीमा , भगवान और राम अपनी गुणवत्ता और महत्ता के लिए सारे जगत म विख्यात हैं ।…
इस युग की जय हो ( डा ० जी ० भक्त ) एक पुरातन कथन है :- कृषि सर्वोत्तम कला है , कारण कि वह स्वयं उत्पादन कर आजीविका जुटाता…
अनुनय विनय हे प्रभु ! आपकी कृपा और अपने सौभाग्य से आर्यावर्त की धरती पर जन्म लेकर कृतार्थ हुआ । यह आपकी महिमा का ही प्रसाद है कि इस जम्बूद्वीप…