Mon. Dec 29th, 2025

आधुनिक जीवन में श्रीमद्भगवद्गीता (निष्पति व निवृत्ति) लेखक- डा. जी. भक्त / Shrimad Bhagavad Gita

लेखक की अखण्ड साधना का प्रसाद श्रीमद्भगवद्गीता (निष्पत्ति और निवृति) आपके समक्ष है, इनकी खंडित अभिव्यक्ति में आत्मस्तुति, प्रस्तुति, विस्तृति, निष्पत्ति तथा निवृति जो एक पुस्तकाकार में गीता बोध आपकी…

वह देश हमारा है… -डा० जी० भक्त

वह देश हमारा है:- डा० जी० भक्त (1) जो सभ्यता और संस्कृति के क्षेत्र में अति प्राचीन काल से शीर्ष उपलब्धि प्राप्त कर विश्व के इतिहास में गौरवान्वित रहा, जिसपर…

आध्यात्मिक विषय, आत्म चर्य्या

आध्यात्मिक विषय, आत्म चर्य्या डा. जी. भक्त मेरे विद्यार्थी जीवन में सिलेक्श था जिसे हिन्दी राष्ट्रभाषा की पुस्तक में पढ़ा था । विद्यापति की कविता में- आध जनम हम नींद…

रोगी, डाक्टर, रोग और चिकित्सा

रोगी, डाक्टर, रोग और चिकित्सा डा. जी. भक्त मेरे एक पड़ोसी मित्र बड़े हँसमुख , मजाकिया किन्तु तीव्र बुद्धि के जिज्ञासु व्यक्ति हैं । किसी विषय पर तर्कपूर्ण चर्चा के…

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डा. जी. भक्त किसी विषय से संबंधित नामकरण ” शीर्षक ” को पढ़कर उसके भाव और क्षेत्र का अनुमान लग जाता है । उपरोक्त शीर्षक के…