भाग-क, पुत्री और संस्कृति
पुत्री और संस्कृति पुत्री और संस्कृति भाग-क – डा ० जी ० भक्त आज के चुग में हम पाते हैं कि एक व्यक्ति के मन में कुछ भला करने का…
पुत्री और संस्कृति पुत्री और संस्कृति भाग-क – डा ० जी ० भक्त आज के चुग में हम पाते हैं कि एक व्यक्ति के मन में कुछ भला करने का…
आध्यात्म बोध-5 युग बोध ही आत्म बोध लाता हैं । डा० जी० भक्त जीवन में काल और परिस्थिति की भूमिका अस्वीकारी नहीं जा सकती । परिस्थितियाँ समस्या खड़ी करती ही…
आध्यात्म बोध-4 देह , आत्मा , बोध वृत्ति , ज्ञान और सर्वस्व अर्पण से ही ब्रह्म प्राप्ति डा० जी० भक्त भाव के साथ देह आत्मा और जीवन वृत्ति पर विचारों…
आध्यात्म बोध -3 सृष्टि विधान के विविध आयाम डा० जी० भक्त योगाभ्यास की दृढ़भूमि पर स्थिरमति साधक अपनी देह को नौका मान ले , ज्ञान का सम्वल पाकर धैर्य से…
आध्यात्म बोध -2 सृष्टि विधान के विविध आयाम डा० जी० भक्त पूर्वांक में ( आध्यात्म बोध- 1 ) सृष्टि को मूल प्रकृति में पंच तत्त्व से सृष्टि की उत्पत्ति (…
आध्यात्म बोध -1 सृष्टि विधान के विविध आयाम डा० जी० भक्त सृष्टि का स्थूल भौतिक स्वरुप प्रकृति है । इसका आधार पंच भौतिक सत्ता है । इन पाँचों मूल भौतिक…
राष्ट्र भत्ति में युग बोध एवं कर्त्तव्यबोध के योग की सफल झलक डा० जी० भक्त हम देश के नागरिक कहे जाते है । हमारी अपरिमित संख्या है । देश में…