जीते तो सभी हैं किन्तु मृत्यु को गले लगाते है कोई-कोई
जीते तो सभी हैं किन्तु मृत्यु को गले लगाते है कोई-कोई डा० जी० भक्त जो भली प्रकार से जान गये है कि मृत्यु निश्चित है, व जीवन के क्षण को…
जीते तो सभी हैं किन्तु मृत्यु को गले लगाते है कोई-कोई डा० जी० भक्त जो भली प्रकार से जान गये है कि मृत्यु निश्चित है, व जीवन के क्षण को…
समलैंगिकता की अवधारणा मानव की कुर्तसित संस्कृति है। डा० जी० भक्त प्रकृत्या सृष्टि में पुरुष और नारी जाति जीवों में स्पष्ट दृष्टिभोवर है जिनके दैहिक सम्बन्ध से सृष्टि चलती आ…
गरीब और गरीबी की संतोष ही मात्र दवा है। डा. जी. भक्त रोग तो अपना है, लेकिन उसकी दवा सदा पराये के हाथो में हैं। हमें उसे प्राप्त करना होता…
कर्त्तव्य बोध और सामाजिक सरोकार की शिक्षा डा० जी० भक्त आज के सामाजिक जीवन मानव से जो अपेक्षाएँ हो सकती है उसके प्रति व्यक्ति की ज्ञानात्मक तैयारी की शिक्षा विद्यालयों…
विश्व पुस्तक मेला, दिल्ली- 2023 क्षितिज उपाध्याय “किशोर” विश्व की संस्कृति में ज्ञान का प्रसार और पुस्तकों का प्रकाशन बड़ा महत्त्व रखता है। आज दिनांक 2 मार्च को दैनिक हिन्दुस्तान…
शैक्षिक संदेश डा० जी० भक्त शिक्षा ज्ञानात्मक निधि है, मानसिक दक्षता है, सृष्टि का रहस्य है, जीवन की अनुभूति हैं, विचारों की श्रृंखला है, विकसित वैभव का इतिहास है आध्यात्म…
इस चलती फिरती दुनियाँ में हम कहाँ ? डा० जी० भक्त ब्रह्माण्ड की रचना और सृष्टि की चेतना में त्रिगुण का विस्तार जब माया का जाल रच डाला तो इन्द्रियों…