” पुरुषार्थ के पन्ने ” जिसे आँधी भी झकझोर नही पाती
” पुरुषार्थ के पन्ने ” जिसे आँधी भी झकझोर नही पाती । डा० जी० भक्त जिन्होंने अल्पसंख्यकों एवं हाशिये पर जीवन जीने वालों के प्रति अपनी संवेदना जतायी वे महान…
” पुरुषार्थ के पन्ने ” जिसे आँधी भी झकझोर नही पाती । डा० जी० भक्त जिन्होंने अल्पसंख्यकों एवं हाशिये पर जीवन जीने वालों के प्रति अपनी संवेदना जतायी वे महान…
प्रभाग-27 पंचम सोपान सुन्दरकाण्ड रामचरितमानस तब हनुमान जी ने आनन्द कंद भगवान रामचन्द्र की जयकार की । भगवान को वानरों ने कहा- हे भगवन अब देर नहीं करनी चाहिए ।…
प्रभाग-26 पंचम सोपान सुन्दरकाण्ड रामचरितमानस चलेउ नाई सिरु पैठेउ बागा । फल खायसि तरु तौरे लागा ।। रहे तहाँ बहु भट रखवारे । कछु मारेसि कछु जाई पुकारे ।। सीता…
प्रभाग-25 पंचम सोपान सुन्दरकाण्ड रामचरितमानस समुद्र लांघ कर लंका जाने के संबंध में श्री जामवन्त जी द्वारा ढ़ादस दिलाना बहुत अच्छा लगा । उसे सुनकर हनुमान बहुत प्रसन्न हुए ।…
प्रभाग 24 चतुर्थ सोपान किष्किन्धा काण्ड रामचरितमानस फिर जब पम्पापुर से आगे राम और लक्ष्मण जी बढ़े , तो ऋष्यमूक पर्वत समीप आ गये । वहाँ पर ही सुग्रीव अपने…
प्रभाग-23 तृतीय सोपान अरण्य काण्ड रामचरितमानस जब रामचन्द्र जी ने लक्ष्मण को आते देखा तो बाह्य रुप में ( दिखावा के लिए ) बहुत चिन्ता की । हे लक्ष्मण ,…
प्रभाग-22 तृतीय सोपान अरण्य काण्ड रामचरितमानस महाबली रावण कीबहन सूर्पनखा एक बार पंचवटी पहुँची । राम लक्ष्मण दोनों राजकुमारों को देख वह युवती कामाग्नि से व्याकुल होकर रामजी से प्रेम…