समष्टि जगत की सत्यता में व्यष्टि का पीछे पड़ना कबतक चलेगा ?
समष्टि जगत की सत्यता में व्यष्टि का पीछे पड़ना कबतक चलेगा ? डा० जी० भक्त आज विश्व जनमत जनतंत्र क पक्ष में चल रहा है । इसमें हमारा ही नहीं…
समष्टि जगत की सत्यता में व्यष्टि का पीछे पड़ना कबतक चलेगा ? डा० जी० भक्त आज विश्व जनमत जनतंत्र क पक्ष में चल रहा है । इसमें हमारा ही नहीं…
सफल जीवन की झाँकी डा ० जी ० भक्त मानवीय चेतना के आलोक में जीवन का यथार्थ विचार धाराओं में विभक्त है । मानव संस्कृति के क्रमिक कालखण्डों में सामाजिक…
सीख एक अनुपन भीख डा ० जी ० भक्त एक व्यक्ति जब कही से कुछ पाता है और सश्रद्धा उसे लाकर अपने अंगोछे की गट्ठर खोल अपने परिवार के किसी…
जीवन में शिक्षा और शिक्षण की अनिवार्यता डा० जी० भक्त सृष्टि के संरक्षण में उसका पोषण जैसे अनिवार्य है , उसी प्रकार जीवन में श्रेय पाने के लिए शिक्षा और…
” पुरुषार्थ के पन्ने ” जिसे आँधी भी झकझोर नही पाती । डा० जी० भक्त जिन्होंने अल्पसंख्यकों एवं हाशिये पर जीवन जीने वालों के प्रति अपनी संवेदना जतायी वे महान…
प्रभाग-27 पंचम सोपान सुन्दरकाण्ड रामचरितमानस तब हनुमान जी ने आनन्द कंद भगवान रामचन्द्र की जयकार की । भगवान को वानरों ने कहा- हे भगवन अब देर नहीं करनी चाहिए ।…
प्रभाग-26 पंचम सोपान सुन्दरकाण्ड रामचरितमानस चलेउ नाई सिरु पैठेउ बागा । फल खायसि तरु तौरे लागा ।। रहे तहाँ बहु भट रखवारे । कछु मारेसि कछु जाई पुकारे ।। सीता…